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Hello, I am Thanil

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येङ्ङू नोङ चूरे : मेमचौबी

देखो पानी बरस रहा

देखो पानी बरस रहा है

घने पेड़ो के बीच

हरिताभ जंगल में

ओझल होती ढालू पर्वत श्रृंखला लहरी पर

देखो लहरा रही बारिश

छितराए बादलों से आच्छादित हरे-हरे पर्वत शिखर

क्या यही है हिमालय !

हाथ थाम खींचकर घेर लिया कंधों को

मोड़ों वाले नन्हें-नन्हें रास्ते पुकार रहे

इधर इधर इधर

बूँदें उछल उछल कर

खिङ खिङ दौड़ रही पीछे,

बाहें फैलाए

आलिंगन में कसते हुए

पूछा

इतने जरा से हो तुम-

अंतरंग शांति में बोला वह

देखो बरस रहा पानी।

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