लघु कथाएँ- : प्रो. इबोहल सिंह काङजम
1..चुनाव खत्म
पर सड़क बनाने का काम अचानक रुक गया। जो कंकड़-पत्थर बिखेरे गए थे, वे भी अब कम ही नजर आ रहे हैं। उस इलाके के कुछ प्रतिनिधि वार्क्स मंत्री जो इलाके का एम. एल. ए भी थे, उसके पास सड़क की शिकायत करने गए।
मंत्री ने कहा- चुनाव नजदीक था इसलिए काम शुरू करवाया था। अब तो चुनाव भी खत्म हो गया है और सड़क बनाने की कोई बात फिलहाल तो नहीं है।
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2. निर्विवाद निर्णय
विधान-सभा की कार्यवाई जारी है। सरकार अपनी ओर से बहुत सारी मुद्दों पर निर्णय लेने के प्रयास में है।विवाद होते है परन्तु बहुमत वाली सरकार विवादों को आसानी से काट देती है। कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के मुद्दे पर सरकार की पार्टी ने फण्ड का अभाव बताकर अगली बैठक के लिए टाल दिया।
चीखना-चिल्लाना, उठ-उठ जाना, हो-हल्ला मचाना विधान-सभा की उस बैठक का अनिवार्य रूप हो जैसे। एक महीने का सत्र एक-दूसरे से विवाद और चिल्लाहट के साथ पूरा होने जा रहा था। अंतिम दिन विधान-सभा के सदस्यों और मंत्रियों के लिए संशोधित वेतन और एलाउवेंसस के बारे में निर्णय लेने के लिए सभा में रखी गई। रूलिंग और ऑपोजिशन दोनों ने ही एक मत से हाँ-हाँ कहते हुए प्रसन्नता से मेज पीटा।
मुद्दा बिना किसी विवाद के पास हो गया।
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