कोरोना
महामारी के दो साल के लॉकडाउन के बाद 21 नवम्बर से 30
नवम्बर,2022
को मणिपुर में सङाइ फेस्टिवल एक भेंट के रूप में आया । प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने
वाले इस समारोह की वैविध्यता और शायद दो साल घर की चार दिवारी में रहकर पहली बार
इतने बड़े उत्सव के आयोजन ने लोगों के मन में अत्यंत उत्साह बढ़ाया। गत वर्षों की तरह एक ही जगह में सीमित न करके इस
बार मणिपुर के अलग-अलग जगहों में अलग-अलग कार्यक्रमों के साथ यह फेस्टिवल मनाया
गया । सङाइमणिपुर का राज्य पशु है,
जो मणिपुर में ही मिलने वाला एक दुर्लभ पशु है। इसका जन्म स्थान कैबुल लम्जाओ है। इस फेस्टिवल का प्रमुख कार्यक्रम इसी के पास
स्थित मोइराङ के सङाइ इथनिक पार्क में किया गया,
जिसका उद्घाटन पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने किया। सङाइ फेस्टिवल,2022
का थीम था-“फेस्टिवल ऑफ़ वननेस” अर्थात “एकता का त्योहार”।
सङाइ
फेस्टिवल का कार्यक्रम मणिपुर के 7
अलग-अलग जिलों के 13
स्थलों में आयोजित किया गया था,
जो पारंपरिक नृत्य, संगीत, वस्त्र, खाद्य, खेलों से सुसज्जित था।मणिपुर एक ऐसा
राज्य है,
जहाँ मीतै जाति के साथ 33
अनुसूचित जनजातियाँ,7
अनुसूचित जातियाँ एवं मीतै पाङल एक साथ रहते हैं। इस सङाइ फेस्टिवल में उन सभी जातियों की झाँकी
प्रत्येक दिन नृत्य एवं संगीत के रूप में देखने को मिला ।
प्रख्यात
मणिपुरी लोक संगीतकार मङका के गीत, सिमते, थादौ, कबुई , ताङखुल, माओ आदि जनजातियों
के नृत्य और लोक संगीत ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई,
तो
दूसरी ओर वारी लीबा (लोक गाथा) थाङ- ता, पुङ चोलोम, पारंपरिक माओ युद्ध कला आदि
लोक कलाओं का प्रदर्शन भी हुआ,जो
मणिपुर की धनवान सांस्कृतिक सम्पदा का प्रमाण है । मणिपुर के बाहर के राज्यों जैसे असम, सिक्कीम,
उड़ीसा आदि के साथ-साथ विदेशी देशों जैसे बांग्लादेश, थाईलैंड आदि के नृत्यों को भी
सङाइ फेस्टिवलमें मंच दिया गया ।
मणिपुर
की पारंपरिक खेल सगोल काङजै, मुकना, अरामबाई लङबा (तीर फेकना) आदि का आयोजन हुआ ।पिछले वर्षों से आलग इस वर्ष कई एडवेनचर
स्पोर्ट्स जैसे पेरा ग्लाइडिंग , ट्रेकिंग, वाटर ज़ोर्बिंग, वाटर स्कीइंग, ज़िप लाइन
आदि ने युवाओं का ध्यान आकर्षित किया । इस वर्ष मणिपुर के मुख्यमंत्री के निर्देशन
में प्रथम चीफ मिनिस्टर पोलो प्रतियोगिता आरंभ किया गया,
जिसमें
विदेशी पोलो टीम ने भी भाग लिया ।
इस तरह जोर शोर से दस दिवसीय
सङाइ फेस्टिवल के समारोहका समापन सुष्मिता सेन द्वारा किया गया । जाते-जाते सङाइ
फेस्टिवल आने वाले समय में और उन्नत एवं शांति भरा राज्य के रूप में मणिपुर की
संभावना व्यक्त कर गया।
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