ads header

Hello, I am Thanil

Hello, I am Thanil

नवीनतम सूचना

दरवाज़ा बंद करते जाना........धड़ाक.... ! : रोजी कामै

दरवाज़ा बंद करते जाना........धड़ाक.... !

शांति है यहाँ अब ....... बिल्कुल

असमय चले गए ...... जल्दी थी !

ठहर कर जाते ...... पता तो लगता तुम्हें,

तुम्हारी महक से दमकता है मेरा कमरा ।

देखो, तुम्हारी चाय की प्याली !

सजाए है मेरे होठों की नरमाहट

तुम्हारे होठों की तपस

मेरे ह्रदय में सुलगती जाती है ।

अगली बार आ रहे हो न ?

ठंड लगती है मुझे

थोड़ी गर्माहट लाना -

कमबख्त कमरे में सीलन है ।

अच्छा सुनो !

अब की बार आए हो तो

लेते जाओ अपना भूला बिसरा

सब कुछ... हाँ सब कुछ ....

अब कुछ न रहे - न मेरा तुझमें, न तेरा मुझमें !!


कङ्ला पत्रिका  टेलीग्राम पर है। हमारे चैनल @kanglapatrika में शामिल होने के लिए यहां क्लिक करें और नवीनतम अपडेट के साथ अपडेट रहें

1 टिप्पणी: